LYRIC
Here you will find the lyrics of the popular song ‘Hanuman Amritwani’ is a Hanuman Bhajan sung by Anuradha Paudwal. Lyrics of Shri Hanuman Amritwani bhajan are written by Balbir Nirdosh. Music is given by Surinder Kohli and label is T-Series.
Shree Hanuman Amritwani Lyrics in Hindi
रामायण की भव्य जो माला
हनुमत उसका रत्न निराला
निश्चय पूर्वक अलख जगाओ
जय जय जय बजरंग ध्याओ
अंतर्यामी है हनुमंता
लीला अनहद अमर अनंता
रामकी निष्ठा नस नस अंदर
रोम रोम रघुनाथ का मंदिर
सिद्धि महात्मा ये सुख धाम
इसको कोटि कोटि प्रमाण
तुलसीदास के भाग्य जगाये
साक्षात के दर्श दिखाए
सूझ बूझ धैर्य का है स्वामी
इसके भय खाते खलकामी
निर्भिमान चरित्र है उसका
हर एक खेल विचित्र है इसका
सुंदरकांड है महिमा इसकी
ऐसी शोभा और है किसकी
जिसपे मारुती की हो छाया
माया जाल ना उसपर आया
मंगलमूर्ति महसुखदायक
लाचारों के सदा सहायक
कपिराज ये सेवा परायण
इससे मांगो राम रसायन
जिसको दे भक्ति की युक्ति
जन्म मरण से मलती मुक्ति
स्वार्थ रहित हर काज है इसका
राम के मन पे राज है इसका
वाल्मीकि ने लिखी है महिमा
हनुमान के गुणों की गरिमा
ये ऐसी अनमोल कस्तूरी
जिसके बिना रामायण अधूरी
कैसा मधुर स्वाभाव है इसका
जन जन पर प्रभाव है इसका
धर्म अनुकूल नीति इसकी
राम चरण से प्रीती इसकी
दुर्गम काज सुगम ये करता
जन मानस की विपदा हरता
युगो में जैसे सतयुग प्यारा
सेवको में हनुमान निरारा
श्रद्धा रवि बजरंग की रे मन माला फेर
भय भद्रा छंट जाएंगे घडी लगे ना देर
अहिरावण को जिसने मारा
तुझे भी देगा वो ही सहारा
शत्रु सेना के विध्वंसक
धर्मी कर्मी के प्रसंशक
विजयलक्ष्मी से है विपोषित
महावीर की छवि है शोभित
बाहुबल प्रचंड है इसका
निर्णय अटल अखंड है इसका
हनु ने जग को ये समझाया
बिना साधना किसने पाया
ज्ञान से तुम अज्ञान मिटाओ
सद्गुण से दुर्गुण को भगाओ
हनुमत भजन यही सिखलाता
पुण्य से पाप अदृश्य हो जाता
जो जान पढ़े हनुमान चालीसा
हनु करे कल्याण उसी का
संकटमोचन जी भर पढ़िए
मन से कुछ विश्वास भी करिये
बिना भरोसे कुछ नहीं होता
तोता रहे पिंजरे का तोता
पाठ करो बजरंग बाण का
यही तो सूरज है कल्याण का
रोम रोम में शब्द उतारो
ऊपर ऊपर से ना पुकारो
हनुमान वाहुक है एक वाहन
सच्चे मन से करो आह्वान
अपना बनाएगा वो तुमको
गले लगाएगा वो तुमको
भीतर से यदि रोये ना कोई
उसका दिल से होये ना कोई
हनुमत उसको कैसे मिलेगा
सुख का कैसे फूल खिलेगा
मन है यदि कौवे के जैसा
हनु हनु फिर रटना है कैसा
कपडे धोने से क्या होगा
नस नस भीतर है यदि धोखा
मन की आँखे भी कभी खोलो
मन मंदिर में उसे टटोलो
हनुमत तेरे पास है रहता
देख तू पिके अमृत बहता
कपिपति हनुमंत की सेवा करके देख
तेरे नसीबो की पल में बदल जाएगी रेख
बजरंग सचिदानंद का प्यारा
भक्ति सुधा की पावन धारा
अर्जुन रथ की ध्वजा पे साजे
बन के सहायक वह विराजे
जनक नंदिनी की ममता में
अवधपुरी की सब जनता में
रमी हुई है छवि निराली
भक्त राम का भाग्यशाली
देखा एक दिन उसने जाके
सीता को सिन्दूर लगाते
भोलेपन में हनु ने पूछा
क्यूँ लागे ये इतना अच्छा
ऐसा करने से क्या होता
मांग में भरने से क्या होता
मुझे भी मैया कुछ बतलाओ
क्या रहस्य है ये समझाओ
जानकी माता बोली हँसके
बाँध लो पल्ले ये तुम कसके
न्याय करता अंतर्यामी
रघुवर जो है तुम्हरे स्वामी
जितना ये मैं मांग में भरती
उतनी उसकी आयु बढ़ती
मैं जो उसको मन से चाहती
इसीलिए ये धर्म निभाती
रामभक्त हनुमान प्यारे
तीन लोक से है जो न्यारे
श्रद्धा का वो रंग दिखाया
रंग ली झट सिन्दूर से काया
बिलकुल ही वो हो सिन्दूरी
प्रभु की भक्ति करके पूरी
अद्भुत ही ये रूप सजा के
राजसभा में पहुंचे जाके
देख कपि दी दशा न्यारी
खिलखिलाये सब दरबारी
प्रभु राम भी हँसके बोले
ये क्या रूप है हनुमत भोले
हनु कहा जो लोग है हँसते
वो नहीं इसका भेद समझते
जानकी मैया है ये कहती
इस से आपकी आयु बढ़ती
चोला ये सिन्दूर का चढ़े जो मंगलवार
कपि के स्वामी की इस से आयु बढे अपार
विजय प्राप्त कर जब लंका पे
राम अयोध्या नगरी लौटे
राजसिंहासन पर जब बैठे
फूल गगन से ख़ुशी के बरसे
जानकी वल्लभ करुणा कर ने
सबको दिए उपहार निराले
मुक्ताहार जो मणियों वाला
जिसका अद्भुत दिव्या उजाला
सीता जी के कंठ सजाया
राम ही जाने राम की माया
सीता ने पल देर ना कीन्ही
वो माला हनुमान को दीन्हि
महावीर थे कुछ घबराये
रहे देखते वो चकराए
जैसे उनको भाये ना माला
हृदय को भरमाये ना माला
गले से माला झट दी उतारी
तोड़े मोती बारी बारी
हीरे कई चबाकर देखे
सारे रत्न दबाकर देखे
व्याकुल उसकी हो गयी काया
पानी नैनन में भर आया
जैसे दिल ही टूट गया हो
भाग्य का दर्पण फूट गया हो
चकित हुए थे सब दरबारी
बोझ सिया के मन पे भारी
राम ने कैसे खेल रचाया
कोई भी इसको जान ना पाया
पूछा सिया ने अंजनी लाला
माँ का प्यार था ये तो माला
माँ की ममता क्यों ठुकरा दी
कौन सी गलती की ये सजा दी
बजरंग बोले आंसू भर के
जनक सुता के चरण पकड़ के
मैया हर एक मोती देखा
तोड़ तोड़ के सब कुछ परखा
कहीं ना मूरत राम की माता
वो माला किस काम की माता
कोड़ी के वो हीरे मोती
जिनमे राम की हो ना ज्योति
सुनके वचन हनुमान के कहा सिये तत्काल
राम तेरे तुम राम के हो ऐ अंजनी के लाल
एक समय की कथा ये सुनिए
कपि महिमा के मोती चुनिए
राम सेतु के निकट कहीं पर
राम की धुन में खोये कपिवर
सूर्य पुत्र शनि अभिमानी
ने जाने क्या मन में ठानी
हनुमान को आ ललकारा
देखना है बल मैंने तुम्हारा
बड़ा कुछ जग से सुना सुनाया
युद्ध मैं तुमसे करने आया
महावीर ने हँसके टाला
काहे रूप धरा विकराला
महाप्रतापी शनि तू मन
शक्ति कहीं जा और दिखाना
राम भजन दे करने मुझको
हाथ जोड़ मैं कहता तुझको
लेकिन टला ना वो अहंकारी
कहा अगर तू है बलकारी
मुझको शक्ति ज़रा तू दिखादे
कितने पानी में है बता दे
हनुमान से पूंछ बढ़ाकर
शनि के चारो ओर घुमाकर
कस के उसे लपेटा ऐसे
नाग जकड़ता किसी को जैसे
खूब घुमा के दिया जो झटका
बार बार पत्थरो पे पटका
हो गया जब वो लहू लुहान
चूर हो गया सब अभिमान
ऐसे अब ना छोडूंगा तुझको
कहा हनु ने वचन दे मुझको
मेरे भक्तो को तेरी दृष्टि
भूल के कष्ट कभी ना देगी
शनि ने हाँ का शक्त ऊंचारा
तब हुआ जाकर छुटकारा
चोट की पीड़ा से वो रोकर
तेल मांगने लगा दुखी होकर
शास्त्र हमें ये ही बताता
जो भी शनि को तेल चढ़ाता
उसकी दशा से वो बच जाता
हनुमान की महिमा गाता
शनि कभी जो आ घेरे मत डरियो इंसान
जाप करो हनुमान का हो जाए कल्याण
हनुमान निर्णायक शक्ति
हनुमान पुरषोतम भक्ति
हनुमान है मार्गदर्शक
हनुमान है भय विनाशक
हनुमान है दया निधान
हनुमान है गुणों की खान
हनुमान योद्धा सन्यासी
हनुमान है अमर अविनाशी
हनुमान बल बुद्धि दाता
हनुमान चित शुद्धि करता
हनुमान स्वामी का सेवक
हनुमान कल्याण दारक
हनुमान है ज्ञान ज्योति
हनुमान मुक्ति की युक्ति
हनुमान है दीन का रक्षक
हनुमान आदर्श है शिक्षक
हनुमान है सुख का सागर
हनुमान है न्याय दिवाकर
हनुमान है सच का अंजन
हनुमान निर्दोष निरंजन
हनुमान है आश्रय दाता
हनुमान सुखधाम विधाता
हनुमान है जग हितकारी
हनुमान है निर्विकारी
हनुमान त्रिकाल की जाने
हनुमान सबको पहचाने
हनुमान से मनवा जोड़ो
हनुमान से मुँह ना मोड़ो
हनुमान का कीजे चिंतन
हनुमान हर सुख का सागर
हनुमान को ना बिसराओ
हनुमान शरण में जाओ
हनुमान उत्तम दानी
हनुमान का जप कल्याणी
हनुमान जग पालनहारा
हनुमान ने सबको तारा
हनुमान की फेरो माला
हनुमान है दीनदयाला
हनुमान को सिमरो प्यारे
हनुमान है साथ तुम्हारे
पवन के सुत हनुमान का जिसके सिर पर हाथ
उसको कभी डराये ना दुःख की काली रात
जय जय जय हनुमान, जय हो दया निधान
जय जय जय हनुमान, जय हो दया निधान
जय जय जय हनुमान, जय हो दया निधान
Translated Version
Shree Hanuman Amritwani lyrics in Engliah
raamaayaṇa kee bhavy jo maalaa
hanumat usakaa ratn niraalaa
nishchay poorvak alakh jagaa_o
jay jay jay bajarng dhyaa_o
antaryaamee hai hanumntaa
leelaa anahad amar anntaa
raamakee niṣṭhaa nas nas andar
rom rom raghunaath kaa mndir
siddhi mahaatmaa ye sukh dhaam
isako koṭi koṭi pramaaṇa
tulaseedaas ke bhaagy jagaaye
saakṣaat ke darsh dikhaa_e
soojh boojh dhairy kaa hai svaamee
isake bhay khaate khalakaamee
nirbhimaan charitr hai usakaa
har ek khel vichitr hai isakaa
sundarakaanḍa hai mahimaa isakee
aisee shobhaa aur hai kisakee
jisape maarutee kee ho chhaayaa
maayaa jaal naa usapar aayaa
mngalamoorti mahasukhadaayak
laachaaron ke sadaa sahaayak
kapiraaj ye sevaa paraayaṇa
isase maango raam rasaayan
jisako de bhakti kee yukti
janm maraṇa se malatee mukti
svaarth rahit har kaaj hai isakaa
raam ke man pe raaj hai isakaa
vaalmeeki ne likhee hai mahimaa
hanumaan ke guṇaon kee garimaa
ye aisee anamol kastooree
jisake binaa raamaayaṇa adhooree
kaisaa madhur svaabhaav hai isakaa
jan jan par prabhaav hai isakaa
dharm anukool neeti isakee
raam charaṇa se preetee isakee
durgam kaaj sugam ye karataa
jan maanas kee vipadaa harataa
yugo men jaise satayug pyaaraa
sevako men hanumaan niraaraa
shraddhaa ravi bajarng kee re man maalaa fer
bhay bhadraa chhnṭ jaa_enge ghaḍaee lage naa der
ahiraavaṇa ko jisane maaraa
tujhe bhee degaa vo hee sahaaraa
shatru senaa ke vidhvnsak
dharmee karmee ke prasnshak
vijayalakṣmee se hai vipoṣit
mahaaveer kee chhavi hai shobhit
baahubal prachnḍa hai isakaa
nirṇaay aṭal akhnḍa hai isakaa
hanu ne jag ko ye samajhaayaa
binaa saadhanaa kisane paayaa
gyaan se tum agyaan miṭaa_o
sadguṇa se durguṇa ko bhagaa_o
hanumat bhajan yahee sikhalaataa
puṇay se paap adrishy ho jaataa
jo jaan paḍhe hanumaan chaaleesaa
hanu kare kalyaaṇa usee kaa
snkaṭamochan jee bhar paḍhie
man se kuchh vishvaas bhee kariye
binaa bharose kuchh naheen hotaa
totaa rahe pinjare kaa totaa
paaṭh karo bajarng baaṇa kaa
yahee to sooraj hai kalyaaṇa kaa
rom rom men shabd utaaro
oopar oopar se naa pukaaro
hanumaan vaahuk hai ek vaahan
sachche man se karo aahvaan
apanaa banaa_egaa vo tumako
gale lagaa_egaa vo tumako
bheetar se yadi roye naa koii
usakaa dil se hoye naa koii
hanumat usako kaise milegaa
sukh kaa kaise fool khilegaa
man hai yadi kauve ke jaisaa
hanu hanu fir raṭanaa hai kaisaa
kapaḍae dhone se kyaa hogaa
nas nas bheetar hai yadi dhokhaa
man kee aankhe bhee kabhee kholo
man mndir men use ṭaṭolo
hanumat tere paas hai rahataa
dekh too pike amrit bahataa
kapipati hanumnt kee sevaa karake dekh
tere naseebo kee pal men badal jaa_egee rekh
bajarng sachidaannd kaa pyaaraa
bhakti sudhaa kee paavan dhaaraa
arjun rath kee dhvajaa pe saaje
ban ke sahaayak vah viraaje
janak nndinee kee mamataa men
avadhapuree kee sab janataa men
ramee huii hai chhavi niraalee
bhakt raam kaa bhaagyashaalee
dekhaa ek din usane jaake
seetaa ko sindoor lagaate
bholepan men hanu ne poochhaa
kyoon laage ye itanaa achchhaa
aisaa karane se kyaa hotaa
maang men bharane se kyaa hotaa
mujhe bhee maiyaa kuchh batalaa_o
kyaa rahasy hai ye samajhaa_o
jaanakee maataa bolee hnsake
baandh lo palle ye tum kasake
nyaay karataa antaryaamee
raghuvar jo hai tumhare svaamee
jitanaa ye main maang men bharatee
utanee usakee aayu baḍhatee
main jo usako man se chaahatee
iseelie ye dharm nibhaatee
raamabhakt hanumaan pyaare
teen lok se hai jo nyaare
shraddhaa kaa vo rng dikhaayaa
rng lee jhaṭ sindoor se kaayaa
bilakul hee vo ho sindooree
prabhu kee bhakti karake pooree
adbhut hee ye roop sajaa ke
raajasabhaa men pahunche jaake
dekh kapi dee dashaa nyaaree
khilakhilaaye sab darabaaree
prabhu raam bhee hnsake bole
ye kyaa roop hai hanumat bhole
hanu kahaa jo log hai hnsate
vo naheen isakaa bhed samajhate
jaanakee maiyaa hai ye kahatee
is se aapakee aayu baḍhatee
cholaa ye sindoor kaa chaḍhe jo mngalavaar
kapi ke svaamee kee is se aayu baḍhe apaar
vijay praapt kar jab lnkaa pe
raam ayodhyaa nagaree lauṭe
raajasinhaasan par jab baiṭhe
fool gagan se khushee ke barase
jaanakee vallabh karuṇaa kar ne
sabako die upahaar niraale
muktaahaar jo maṇaiyon vaalaa
jisakaa adbhut divyaa ujaalaa
seetaa jee ke knṭh sajaayaa
raam hee jaane raam kee maayaa
seetaa ne pal der naa keenhee
vo maalaa hanumaan ko deenhi
mahaaveer the kuchh ghabaraaye
rahe dekhate vo chakaraa_e
jaise unako bhaaye naa maalaa
hriday ko bharamaaye naa maalaa
gale se maalaa jhaṭ dee utaaree
tode motee baaree baaree
heere ka_ii chabaakar dekhe
saare ratn dabaakar dekhe
vyaakul usakee ho gayee kaayaa
paanee nainan men bhar aayaa
jaise dil hee ṭooṭ gayaa ho
bhaagy kaa darpaṇa fooṭ gayaa ho
chakit hue the sab darabaaree
bojh siyaa ke man pe bhaaree
raam ne kaise khel rachaayaa
koii bhee isako jaan naa paayaa
poochhaa siyaa ne anjanee laalaa
maan kaa pyaar thaa ye to maalaa
maan kee mamataa kyon ṭhukaraa dee
kaun see galatee kee ye sajaa dee
bajarng bole aansoo bhar ke
janak sutaa ke charaṇa pakad ke
maiyaa har ek motee dekhaa
tod tod ke sab kuchh parakhaa
kaheen naa moorat raam kee maataa
vo maalaa kis kaam kee maataa
kodee ke vo heere motee
jiname raam kee ho naa jyoti
sunake vachan hanumaan ke kahaa siye tatkaal
raam tere tum raam ke ho ai anjanee ke laal
ek samay kee kathaa ye sunie
kapi mahimaa ke motee chunie
raam setu ke nikaṭ kaheen par
raam kee dhun men khoye kapivar
soory putr shani abhimaanee
ne jaane kyaa man men ṭhaanee
hanumaan ko aa lalakaaraa
dekhanaa hai bal mainne tumhaaraa
badaa kuchh jag se sunaa sunaayaa
yuddh main tumase karane aayaa
mahaaveer ne hnsake ṭaalaa
kaahe roop dharaa vikaraalaa
mahaaprataapee shani too man
shakti kaheen jaa aur dikhaanaa
raam bhajan de karane mujhako
haath jod main kahataa tujhako
lekin ṭalaa naa vo ahnkaaree
kahaa agar too hai balakaaree
mujhako shakti zaraa too dikhaade
kitane paanee men hai bataa de
hanumaan se poonchh baḍhaakar
shani ke chaaro or ghumaakar
kas ke use lapeṭaa aise
naag jakadataa kisee ko jaise
khoob ghumaa ke diyaa jo jhaṭakaa
baar baar pattharo pe paṭakaa
ho gayaa jab vo lahoo luhaan
choor ho gayaa sab abhimaan
aise ab naa chhoḍaoongaa tujhako
kahaa hanu ne vachan de mujhako
mere bhakto ko teree driṣṭi
bhool ke kaṣṭ kabhee naa degee
shani ne haan kaa shakt oonchaaraa
tab huaa jaakar chhuṭakaaraa
choṭ kee peedaa se vo rokar
tel maangane lagaa dukhee hokar
shaastr hamen ye hee bataataa
jo bhee shani ko tel chaḍhaataa
usakee dashaa se vo bach jaataa
hanumaan kee mahimaa gaataa
shani kabhee jo aa ghere mat ḍaariyo insaan
jaap karo hanumaan kaa ho jaa_e kalyaaṇa
hanumaan nirṇaayak shakti
hanumaan puraṣotam bhakti
hanumaan hai maargadarshak
hanumaan hai bhay vinaashak
hanumaan hai dayaa nidhaan
hanumaan hai guṇaon kee khaan
hanumaan yoddhaa sanyaasee
hanumaan hai amar avinaashee
hanumaan bal buddhi daataa
hanumaan chit shuddhi karataa
hanumaan svaamee kaa sevak
hanumaan kalyaaṇa daarak
hanumaan hai gyaan jyoti
hanumaan mukti kee yukti
hanumaan hai deen kaa rakṣak
hanumaan aadarsh hai shikṣak
hanumaan hai sukh kaa saagar
hanumaan hai nyaay divaakar
hanumaan hai sach kaa anjan
hanumaan nirdoṣ nirnjan
hanumaan hai aashray daataa
hanumaan sukhadhaam vidhaataa
hanumaan hai jag hitakaaree
hanumaan hai nirvikaaree
hanumaan trikaal kee jaane
hanumaan sabako pahachaane
hanumaan se manavaa jodo
hanumaan se munh naa modo
hanumaan kaa keeje chintan
hanumaan har sukh kaa saagar
hanumaan ko naa bisaraa_o
hanumaan sharaṇa men jaa_o
hanumaan uttam daanee
hanumaan kaa jap kalyaaṇaee
hanumaan jag paalanahaaraa
hanumaan ne sabako taaraa
hanumaan kee fero maalaa
hanumaan hai deenadayaalaa
hanumaan ko simaro pyaare
hanumaan hai saath tumhaare
pavan ke sut hanumaan kaa jisake sir par haath
usako kabhee ḍaaraaye naa duahkh kee kaalee raat
jay jay jay hanumaan, jay ho dayaa nidhaan
jay jay jay hanumaan, jay ho dayaa nidhaan
jay jay jay hanumaan, jay ho dayaa nidhaan
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Song Credits & Copyright Details:
Hanuman Bhajan – Hanuman Amritwani
Album – Shree Hanuman Amritwani
Singer – Anuradha Paudwal
Lyrics – Balbir Nirdosh
Music – Surinder Kohli
Label – T-Series
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