LYRIC
Welcome to LyricsFizz.com. Here you will find Shailputri Mata Ki Aarti Lyrics in English and Hindi. Devi Shailputri is also understood as Sati, Bhavani, Parvati, or Hemavati. In her earlier birth, as Sati, she was born to the arrogant and scornful king, Daksha Prajapati who never took her determination of marrying Lord Shiva. According to Hindu myth, Daksha arranged a grand Yagna but did not ask Shiva. An enraged and stubborn, Sati arrived at the place to question her father who further offended Lord Shiva. Unable to tolerate the embarrassment and insulting statements against her husband, Sati immolated herself. She was reborn as Parvati in King of Mountains, Himalaya’s place, and got wedded to Lord Shiva, this time with blessings from her father. As devotees worship him as a Godesses Shailputri that blesses their devotees, devotees chant aarti in the devotion of the Deity Shailputri.
Shailputri Mata Ki Aarti Lyrics In English:
Shailaputree maan bail savaar,
karen devataa jay jayakaar. Shiv shnkar kee priy bhavaanee.
Teree mahimaa kisee ne naa jaanee. Paarvatee too umaa kahalaave.
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Jo tujhe simare so sukh paave. Rriddhi siddhi paravaan kare too.
Dayaa kare dhanavaan kare too. Somavaar ko shiv sng pyaaree.
Aaratee jisane teree utaaree. Usakee sagaree aas jagaa do.
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Sagare dukh takaleef miṭaa do. Ghee kaa sundar deep jalaa ke.
Golaa garee kaa bhog lagaa ke. Shrriddhaa bhaav se mntr gaa_en.
Prem sahit sheesh jhukaa_en. Jay giriraaj kishoree.
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Shiv mukh chnd chakoree anbe. Manokaamanaa poorṇa kar do.
Bhakt sadaa sukh snpatti bhar do.
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Translated Version
देवी शैलपुत्री को सती, भवानी, पार्वती या हेमावती के रूप में भी समझा जाता है। अपने पहले जन्म में, सती के रूप में, उनका जन्म अभिमानी और तिरस्कारपूर्ण राजा, दक्ष प्रजापति से हुआ था, जिन्होंने कभी भी भगवान शिव से विवाह करने का संकल्प नहीं लिया। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, दक्ष ने एक भव्य यज्ञ की व्यवस्था की, लेकिन शिव से नहीं पूछा। क्रोधित और जिद्दी, सती अपने पिता से सवाल करने के लिए जगह पर पहुंचीं, जिन्होंने भगवान शिव को और नाराज कर दिया। अपने पति के खिलाफ शर्मिंदगी और अपमानजनक बयानों को सहन करने में असमर्थ, सती ने आत्मदाह कर लिया। वह हिमालय के स्थान पर पहाड़ों के राजा पार्वती के रूप में पुनर्जन्म हुई थी, और इस बार अपने पिता के आशीर्वाद के साथ भगवान शिव से शादी कर ली। जैसे भक्त उन्हें देवी शैलपुत्री के रूप में पूजते हैं जो उनके भक्तों को आशीर्वाद देती हैं, और भक्त देवता शैलपुत्री की भक्ति में आरती करते हैं।
मां शैलपुत्री की आरती लिरिक्स हिंदी में:
शैलपुत्री मां बैल सवार, करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने ना जानी।
पार्वती तू उमा कहलावे। जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
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ऋद्धि सिद्धि परवान करे तू। दया करे धनवान करे तू।
सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती जिसने तेरी उतारी।
उसकी सगरी आस जगा दो। सगरे दुख तकलीफ मिटा दो।
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घी का सुंदर दीप जला के। गोला गरी का भोग लगा के।
श्रृद्धा भाव से मंत्र गाएं। प्रेम सहित शीश झुकाएं।
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जय गिरिराज किशोरी। शिव मुख चंद चकोरी अंबे।
मनोकामना पूर्ण कर दो। भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।
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Song Credits & Copyright Details:
Album - Shailputri Aarti
Song - Shailputri Aarti
Singer - Sapna Vishwakarma 97113 09449
Music - Satish Dehra
Lyrics - Traditional
Label - Ambey
Digital Work - Vianet Media
Parent Label - Shubham Audio Video
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