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Welcome to LyricsFizz.com. Here you will find Jai Santoshi Mata Ji Aarti Lyrics Lyrics in English and Hindi. In our old holy books, Santoshi Mata is introduced as the goddess of satisfaction. Goddess Santoshi is the daughter of Lord Ganesh. She accepts all the sufferings, pains, and ill fate of all her devotees and blesses them with prosperity and pleasure. She is treated as the most peaceful, quiet, refined, and considerate form of Goddess Durga. Friday is devoted to all the deities in Hinduism. This Maa Lakshmi, Maa Durga, Santoshi Maa, and all the divinities are devoted to rituals. It is believed that worshiping Mata Santoshi with true devotion and fasting on Fridays draws all the miseries of the devotees. And at the same period, all the wishes of the devotees are fulfilled. Different forms of Mother are worshiped on Friday. It is said that the full fruit of the fast is attained only when you do fast with true faith, a real heart, and full devotion. After worshiping, do the aarti of Santoshi Maa. Only by accomplishing this one will get the full fruit of the fast.
Jai Santoshi Mata Aarti Lyrics In English:
Jai Santoshi Mata,
Maiya Jai Santoshi Mata.
Apne Sevak Jan Ki,
Sukh Sampati Data.
Jai Santoshi Mata…
🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵
Sundar Chir Sunhari,
Maa Dharan Kinho.
Hira Panna Damke,
Tan Shringar Linho.
Jai Santoshi Mata…
🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵
Geru Laal Chhata Chhabi,
Badan Kamal Sohe.
Mand Hansat Karunamayi,
Tribhuvan Jan Mohe.
Jai Santoshi Mata…
🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵
Swarna Sinhasan Baithi,
Chanvar Dure Pyare.
Dhup, Deep, Madhu, Mewa,
Bhog Dhare Nyare.
Jai Santoshi Mata…
🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵
Gud Aru Chana Param Priya,
Tamen Santosh Kiyo.
Santoshi Kahlai,
Bhaktan Vaibhav Diyo.
Jai Santoshi Mata…
🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵
Shukrawar Priya Manat,
Aaj Divas Sohi.
Bhakt Mandali Chhai,
Katha Sunat Mohi.
Jai Santoshi Mata…
🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵
Mandir Jag Mag Jyoti,
Mangal Dhwani Chhai.
Vinai Kare ham Sevak,
Charnan Sir Nai.
Jai Santoshi Mata…
🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵
Bhakti Bhawmai Puja,
Angikrit Kijai.
Jo Man Basai Hamare,
Ichhit Phal Dijai.
Jai Santoshi Mata…
🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵
Dukh Daridri Raugi,
Sankat Mukt Kiye.
bahu Dhan Dhanya Bhare Ghar,
Sukh Saubhagya Diye.
Jai Santoshi Mata…
🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵
Dhyan Dhare Jo Tera,
Manvanchhit Phal Payo.
Puja Katha Shravan Kar,
Ghar Anand Aayo.
Jai Santoshi Mata…
🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵
Charan Gahe Ki Lajja,
Rakhiyo Jagdambe.
Sankat Tu Hi Niware,
Dayamayi Ambe.
Jai Santoshi Mata…
🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵
Santoshi Mata Ki Aarti,
Jo Koi Jan Gavai.
Riddhi Siddhi Sukh Sampati,
Ji Bhar Ke Pavai.
Jai Santoshi Mata…
🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵
Jai Santoshi Mata,
Maiya Jai Santoshi Mata.
Apne Sevak Jan Ki,
Sukh Sampati Data.
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Translated Version
हमारी पुरानी पवित्र पुस्तकों में संतोषी माता को संतुष्टि की देवी के रूप में पेश किया गया है। देवी संतोषी भगवान गणेश की पुत्री हैं। वह अपने सभी भक्तों के सभी कष्टों, कष्टों और दुर्भाग्य को स्वीकार करती है और उन्हें समृद्धि और सुख का आशीर्वाद देती है। उन्हें देवी दुर्गा का सबसे शांत, शांत, परिष्कृत और विचारशील रूप माना जाता है। शुक्रवार हिंदू धर्म में सभी देवताओं को समर्पित है। यह माँ लक्ष्मी, माँ दुर्गा, संतोषी माँ, और सभी देवता अनुष्ठानों के लिए समर्पित हैं। ऐसा माना जाता है कि शुक्रवार के दिन सच्ची श्रद्धा और व्रत के साथ माता संतोषी की पूजा करने से भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही साथ भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। शुक्रवार के दिन मां के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि व्रत का पूर्ण फल तभी मिलता है जब आप सच्चे विश्वास, सच्चे दिल और पूरी भक्ति के साथ व्रत करते हैं। पूजा के बाद संतोषी मां की आरती करें. इसे करने से ही व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
संतोषी माता की आरती लिरिक्स हिंदी में:
जय संतोषी माता,
मैया जय संतोषी माता ।
अपने सेवक जन की,
सुख सम्पति दाता ।
जय संतोषी माता…
🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵
सुन्दर चीर सुनहरी,
मां धारण कीन्हो ।
हीरा पन्ना दमके,
तन श्रृंगार लीन्हो ।
जय संतोषी माता…
🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵
गेरू लाल छटा छबि,
बदन कमल सोहे ।
मंद हंसत करुणामयी,
त्रिभुवन जन मोहे ।
जय संतोषी माता…
🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵
स्वर्ण सिंहासन बैठी,
चंवर दुरे प्यारे ।
धूप, दीप, मधु, मेवा,
भोग धरे न्यारे ।
जय संतोषी माता…
🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵
गुड़ अरु चना परम प्रिय,
तामें संतोष कियो ।
संतोषी कहलाई,
भक्तन वैभव दियो ।
जय संतोषी माता…
🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵
शुक्रवार प्रिय मानत,
आज दिवस सोही ।
भक्त मंडली छाई,
कथा सुनत मोही ।
जय संतोषी माता…
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मंदिर जग मग ज्योति,
मंगल ध्वनि छाई ।
विनय करें हम सेवक,
चरनन सिर नाई ।
जय संतोषी माता…
🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵
भक्ति भावमय पूजा,
अंगीकृत कीजै ।
जो मन बसे हमारे,
इच्छित फल दीजै ।
जय संतोषी माता…
🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵
दुखी दरिद्री रोगी,
संकट मुक्त किए ।
बहु धन धान्य भरे घर,
सुख सौभाग्य दिए ।
जय संतोषी माता…
🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵
ध्यान धरे जो तेरा,
मनवांछित फल पायो ।
पूजा कथा श्रवण कर,
घर आनन्द आयो ।
जय संतोषी माता…
🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵
चरण गहे की लज्जा,
रखियो जगदम्बे ।
संकट तू ही निवारे,
दयामयी अम्बे ।
जय संतोषी माता…
🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵
संतोषी माता की आरती,
जो कोई जन गावे ।
रिद्धि सिद्धि सुख सम्पति,
जी भर के पावे ।
जय संतोषी माता…
🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵
जय संतोषी माता,
मैया जय संतोषी माता ।
अपने सेवक जन की,
सुख सम्पति दाता ।
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Song Credits & Copyright Details:
Title: Aartiyan
Singer: Anuradha Paudwal
Music Director:Arun Paudwal
Lyricist: Traditional
Music Label: T-Series
Released Date : May 29, 2011
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