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Anup Jalota
Anup Jalota, (जन्म 29 जुलाई 1953) एक भारतीय गायक, संगीतकार और अभिनेता हैं जिन्हें भारतीय संगीत की भजन शैली में उनके योगदान के लिए जाना जाता है, उन्हें “भजन सम्राट” (भजनों के सम्राट) के रूप में जाना जाता है। 2012 में भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
- Aisi Lagi Lagan
- Rang De Chunariya
- Wo Kala Ek Bansuri Wala
- Jag Mein Sunder Hein Do Naam
- Main Nahi Makhan Khayo
- Chadariya Jhini Re Jhini
- Hari Naam Ka Pyala
- Radha Aise Bhae Shyam Ki Deewani
- Radha Ke Bina Shyam Aadha
- Tan Ke Tambure Mein
1. Aisi Lagi Lagan ऐसी लागी लगन
है आँख वो, जो श्याम का दर्शन किया करे,
है शीश जो प्रभु चरण में, वंदन किया करे ।
बेकार वो मुख है, जो रहे व्यर्थ बातों में,
बेकार वो मुख है, जो रहे व्यर्थ बातों में,
मुख वो है जो हरी नाम का, सुमिरन किया करे ।
हीरे मोती से नहीं, शोभा है हाथ की,
है हाथ जो भगवान का, पूजन किया करे ।
मर कर भी अमर नाम है, उस जीव का जग में,
प्रभु प्रेम में बलिदान जो, जीवन किया करे ।
ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन,
वो तो गली गली हरी गुण गाने लगी ।
महलों में पली, बन के जोगन चली,
मीरा रानी दीवानी कहाने लगी ।
ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन ।
कोई रोके नहीं, कोई टोके नहीं,
मीरा गोविन्द गोपाल गाने लगी ।
कोई रोके नहीं, कोई टोके नहीं,
मीरा गोविन्द गोपाल गाने लगी ।
बैठी संतो के संग, रंगी मोहन के रंग,
मीरा प्रेमी प्रीतम को मनाने लगी,
वो तो गली गली हरी गुण गाने लगी ।
ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन,
वो तो गली गली हरी गुण गाने लगी ।
महलों में पली, बन के जोगन चली,
मीरा रानी दीवानी कहाने लगी ।
ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन ।
राणा ने विष दिया, मानो अमृत पिया,
मीरा सागर में सरिता समाने लगी ।
राणा ने विष दिया, मानो अमृत पिया,
मीरा सागर में सरिता समाने लगी ।
दुःख लाखों सहे, मुख से गोविन्द कहे,
मीरा गोविन्द गोपाल गाने लगी,
वो तो गली गली हरी गुण गाने लगी ।
ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन,
वो तो गली गली हरी गुण गाने लगी ।
महलों में पली, बन के जोगन चली,
मीरा रानी दीवानी कहाने लगी ।
ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन,
ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन ।
2. Rang De Chunariya रंग दे चुनरिया
रंग दे चुनरिया, रंग दे चुनरिया,
श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया
श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया
ऐसी रंग दे के रंग नही छूटे
ऐसी रंग दे रंग दे रंग दे के रंग नही छूटे
धोबिया धोए चाहे ये सारी उमारिया
धोबिया धोए चाहे ये सारी उमारिया
ओह श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया
श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया
श्याम पिया मोरी रंग दे
चुनरिया रंग दे, रंग दे
रंग दे, रंग दे, रंग दे
रंग दे चुनरिया
लाल ना रंगाऊ
हरी ना रंगउ
अपने ही रंग मे रंग दे चुनरिया
अपने ही रंग मे रंग दे चुनरिया
ओह श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया
श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया
श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरियारंग दे, रंग दे
रंग दे, रंग दे, रंग दे
रंग दे चुनरिया
बिना रनगाए मई तो घर नही जावोंगी
बिना रनगाए मई तो घर नही जावोंगी
श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया
मीरा के प्रभु गिरिधर नगर
जल से पतला कौन है
कौन भूमि से भारी
कौन आज्ञ से तेज है
कौन काजल से काली
जल से पतला… पतला
जल से पतला ज्ञान है
और पाप भूमि से भारी
क्रोध आज्ञ से तेज है
और कलंक काजल से काली
मीरा क प्रभु गिरिधर नगर
प्रभु चरणं मे हरी चरणं मे
श्याम चरणं मे लगी नज़रिया
ओह श्याम पिया मोरी श्याम
पिया मोरी रंग दे चुनरिया
रंग दे चुनरिया, रंग दे चुनरिया,
श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया
श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया
3. Wo Kala Ek Bansuri Wala वो काला एक बाँसुरी वाला
वो काला एक बाँसुरी वाला,
सुध बिसरा गया मोरी रे,
सुध बिसरा गया मोरी,
वो काला एक बाँसुरी वाला,
सुध बिसरा गया मोरी रे,
सुध बिसरा गया मोरी,
माखन चोर जो, नंदकिशोर वो,
कर गयो मन की चोरी रे,
सुध बिसरा गया मोरी,
वो काला एक बाँसुरी वाला,
सुध बिसरा गया मोरी रे,
सुध बिसरा गया मोरी,
पनघट पे मोरी बईया मरोड़ी,
मैं बोली तो मेरी मटकी फोड़ी,
पईया पडू करूँ बीनती मैं पर,
माने ना एक वो मोरी रे,
सुध बिसरा गया मोरी,
वो काला एक बाँसुरी वाला,
सुध बिसरा गया मोरी रे,
सुध बिसरा गया मोरी,
सभी श्री कृष्ण भजन देखें
छुप गयो फिर एक तान सुना के,
कहाँ गयो एक बाण चला के।
गोकुल ढूंढा मैंने मथुरा ढूंढी,
कोई नगरिया ना छोड़ी रे,
सुध बिसरा गया मोरी
वो काला एक बाँसुरी वाला,
सुध बिसरा गया मोरी रे,
सुध बिसरा गया मोरी,
माखन चोर जो, नंदकिशोर वो,
कर गयो मन की चोरी रे
सुध बिसरा गया मोरी
वो काला एक बाँसुरी वाला,
सुध बिसरा गया मोरी रे,
सुध बिसरा गया मोरी
4. Jag Mein Sunder Hein Do Naam जग में सुन्दर है दो नाम
जग में सुन्दर है दो नाम,
चाहे कृष्ण कहो या राम
बोलो राम राम राम,
बोलो श्याम श्याम श्याम
जग में सुन्दर है दो नाम,
चाहे कृष्ण कहो या राम
बोलो राम राम राम,
बोलो श्याम श्याम श्याम
माखन ब्रज में एक चुरावे,
एक बेर भीलनी के खावे
प्रेम भाव से भरे अनोखे,
दोनों के है काम
चाहे कृष्ण कहो या राम
जग में सुन्दर है दो नाम,
चाहे कृष्ण कहो या राम
बोलो राम राम राम,
बोलो श्याम श्याम श्याम
एक कंस पापी को मारे,
एक दुष्ट रावण संहारे
दोनों दीन के दुःख हरत है,
दोनों बल के धाम
चाहे कृष्ण कहो या राम
जग में सुन्दर है दो नाम,
चाहे कृष्ण कहो या राम
बोलो राम राम राम,
बोलो श्याम श्याम श्याम
एक ह्रदय में प्रेम बढावे,
एक ताप संताप मिटावे
दोनों सुख के सागर है,
और दोनों पूरण काम
चाहे कृष्ण कहो या राम
जग में सुन्दर है दो नाम,
चाहे कृष्ण कहो या राम
बोलो राम राम राम,
बोलो श्याम श्याम श्याम
एक राधिका के संग राजे,
एक जानकी संग विराजे
चाहे सीता-राम कहो,
या बोलो राधे-श्याम
चाहे कृष्ण कहो या राम
जग में सुन्दर है दो नाम,
चाहे कृष्ण कहो या राम
बोलो राम राम राम,
बोलो श्याम श्याम श्याम
जग में सुन्दर है दो नाम,
चाहे कृष्ण कहो या राम
बोलो राम राम राम,
बोलो श्याम श्याम श्याम
5. Main Nahi Makhan Khayo मैं नहीं माखन खायो
मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो री,
माखन नहीं खायो री ।
मैं माखन नहीं खायो मैया मोरी,
मैं नहीं माखन खायो री ॥
प्रातःसमय गऊवन के पीछे,
मधुबन मोय पठायो री ।
चार पहर बंशी वट भटक्यो,
सांझ पड़े घर आयो री ॥
मैया मोरी मैं नहीं…
मैं बालक अति छोटो कहियूं,
छीको किण विध पायो री ।
ग्वाल बाल मोरे संग रहत है,
मुख पर दही लिपटायो री ॥
मैया मोरी मैं नहीं…
तेरे मन में और बसत है,
जाने परायो जायो री ।
यह ले तेरी काली कमलिया,
झूठो दोष लगायो री ॥
मैया मोरी मैं नहीं…
कूद पड्यो जमुना रे माँहि,
नागनाथ कर आयो री ।
सूर कहे धन्य धन्य यशोदा,
कानो गोद खिलायो री ॥
मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो री,
माखन नहीं खायो री ।
6. Chadariya Jhini Re Jhini चदरिया झीनी रे झीनी
कबीरा जब हम पैदा हुए,
जग हँसे, हम रोये।
ऐसी करनी कर चलो,
हम हँसे, जग रोये
चदरिया झीनी रे झीनी
राम नाम रस भीनी
चदरिया झीनी रे झीनी
चदरिया झीनी रे झीनी
अष्ट-कमल का चरखा बनाया,
पांच तत्व की पूनी।
नौ-दस मास बुनन को लागे,
मूरख मैली किन्ही
चदरिया झीनी रे झीनी
के राम नाम रस भीनी,
चदरिया झीनी रे झीनी
जब मोरी चादर बन घर आई,
रंगरेज को दीन्हि।
ऐसा रंग रंगा रंगरे ने,
के लालो लाल कर दीन्हि
चदरिया झीनी रे झीनी
के राम नाम रस भीनी,
चदरिया झीनी रे झीनी
चादर ओढ़ शंका मत करियो,
ये दो दिन तुमको दीन्हि।
मूरख लोग भेद नहीं जाने,
दिन-दिन मैली कीन्हि
चदरिया झीनी रे झीनी के
राम नाम रस भीनी,
चदरिया झीनी रे झीनी
ध्रुव-प्रह्लाद सुदामा ने ओढ़ी,
शुकदेव ने निर्मल कीन्हि।
दास कबीर ने ऐसी ओढ़ी,
ज्यूँ की त्यूं धर दीन्हि
चदरिया झीनी रे झीनी
चदरिया झीनी रे झीनी
के राम नाम रस भीनी,
चदरिया झीनी रे झीनी
7. Hari Naam Ka Pyala हरी नाम का प्याला
हरी नाम का प्याला,
और हरे कृष्ण की हाला,
हरी नाम का प्याला प्याला,
हरे कृष्ण की हाला,
ऐसी हाला पी पीकर के,
चला चले मतवाला,
राधा जैसी बाला,
और वृन्दावन का ग्वाला,
राधा जैसी बाला,
और वृन्दावन का ग्वाला,
ऐसा ग्वाला मुरली मनोहर,
जपो कृष्ण की माला,
हरी नाम का प्याला,
और हरे कृष्ण की हाला,
ऐसी हाला पी पीकर के
चला चले मतवाला,
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हरे कृष्ण का जप हो
और हरे कृष्ण की माला
हरे कृष्ण का जप हो,
और हरे कृष्ण की माला,
दिव्य ज्योत से ह्रदय शुद्ध हो,
निकले मन की ज्वाला,
हरी नाम का प्याला,
और हरे कृष्ण की हाला,
ऐसी हाला पी पीकर के,
चला चले मतवाला,
कृष्ण की धुन में तन हो,
और हरे कृष्ण में मन हो,
कृष्ण की धुन में तन हो,
और हरे कृष्ण में मन हो,
ऐसे तन मन के मंदिर में,
कृष्ण हाला डाला,
हरी नाम का प्याला,
और हरे कृष्ण की हाला,
ऐसी हाला पी पीकर के,
चला चले मतवाला,
हरे कृष्ण में बल है,
कृष्णा जल और थल है,
ऐसे नव जल थल में,
पी लो नारायण की हाला,
हरी नाम का प्याला,
और हरे कृष्ण की हाला,
ऐसी हाला पी पीकर के
चला चले मतवाला,
ऐसी हाला पी पीकर के
चला चले मतवाला,
ऐसी हाला पी पीकर के
चला चले मतवाला,
हरी नाम का प्याला
और हरे कृष्ण की हाला,
ऐसी हाला पी पीकर के
चला चले मतवाला
8. Radha Aise Bhae Shyam Ki Deewani राधा ऐसी भयी श्याम की दीवानी
राधा ऐसी भयी श्याम की दीवानी
के बृज की कहानी हो गयी
एक भोली भाली गाँव की ग्वालीन
तो पंडितों की बानी हो गई
राधा न होती तो वृन्दावन भी न होता
कान्हा तो होते बंसी भी होती,
बंसी मैं प्राण न होते
प्रेम की भाषा जानता न कोई
कनैया को योगी मानता न कोई
बिना परिणय के वो प्रेम की पुजारीन
कान्हा की पटरानी हो गयी
राधा ऐसी भाई श्याम की
राधा की पायल न बजती तो
मोहन ऐसा न रास रचाते
नीन्दीयाँ चुराकर मधुवन बुलाकर
अंगुली पे कीसको नचाते
क्या ऐसी कुश्बू चन्दन मैं होती
क्या ऐसी मीश्री माखन मैं होती
थोडा सा माखन खिलाकर वोह ग्वालिन
अन्नपुर्ना सी दानी हो गयी
राधा ऐसी भाई श्याम की
राधा न होती तो कुंज गली भी
ऐसी निराली न होती
राधा के नैना न रोते तो
जमुना ऐसी काली न होती
सावन तो होता जुले न होते
राधा के संग नटवर जुले ना होते
सारा जीवन लूटन के वोह भीखारन
धनिकों की राजधानी हो गयी
राधा ऐसी भाई श्याम की
9. Radha Ke Bina Shyam Aadha राधा के बिना श्याम आधा
श्याम राधे कोई ना कहता, कहते राधे श्याम,
जनम जनम भाग्य जगा दे एक राधा का नाम,
राधा के बिना श्याम आधा, कहते राधे श्याम,
जनम जनम भाग्य जगा दे एक राधा का नाम,
बोलो राधे बोले राधे।
बोलो राधे राधे राधे बोलो राधे राधे।
व्यर्थ पड़ा माला बिन मोती,
व्यर्थ रही दीपक बिन ज्योति
चंदा बिना चाँदनी जैसी,
सूरज बिना धूप ना होती
बिना राधा के कहाँ है,
पूरा नट नागर का नाम
बोलो राधे बोले राधे।
बोलो राधे राधे राधे बोलो राधे राधे।
साथ है जैसे जल की धारा,
साथ है जैसे नदी किनारा
साथ है जैसे नील गगन के,
सूरज चंदा तारा तारा,
वैसे इनके बिना अधूरा,
मन वृंदावन धाम,
बोलो राधे बोले राधे।
बोलो राधे राधे राधे बोलो राधे राधे।
श्री राधा को जिसने भूलायां,
उसने अपना जनम गँवाया,
धन्य हुई वह वाणी जिसमें,
राधे श्याम नाम है गाया,
उनका सुमिरन करे बिना,
कब मिलता है विश्राम,
बोलो राधे बोले राधे।
बोलो राधे राधे राधे बोलो राधे राधे।
राधा के बिना श्याम आधा, कहते राधे श्याम,
जनम जनम भाग्य जगा दे एक राधा का नाम,
बोलो राधे बोले राधे।
बोलो राधे राधे राधे बोलो राधे राधे।
10. Tan Ke Tambure Mein तन के तम्बूरे में
तन तम्बूरा, तार मन, अद्भुत है ये साज़,
हरी के कर से बज रहा, हरी की है आवाज,
तन के तम्बूरे में दो साँसों के तार बोले,
जय सिया राम, राम जय राधे श्याम श्याम,
जय सिया राम, राम जय राधे श्याम श्याम,
अब तो इस मन के मंदिर में प्रभु का हुआ बसेरा
मगन हुआ मन मेरा, छूटा जनम जनम का फेरा
मन की मुरलियाँ में सुर का शृंगार बोले
जय सिया राम, राम जय राधे श्याम श्याम,
जय सिया राम, राम जय राधे श्याम श्याम,
लगन लगी लीला धारी से, जगी रे जगमग ज्योति,
राम नाम का हीरा पाया, श्याम नाम का मोती,
प्यासी दो अखियों में आंसुओ के धार बोले,
जय सिया राम, राम जय राधे श्याम श्याम,
जय सिया राम, राम जय राधे श्याम श्याम,
तन के तम्बूरे में दो सांसो की तार बोले
जय सिया राम, राम जय राधे श्याम श्याम,
जय सिया राम, राम जय राधे श्याम श्याम
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