LYRIC
राधे तेरे चरणों की,
गर धूल जो मिल जाए,
सच कहता हूँ मेरी,
तकदीर बदल जाए।।
ये मन बड़ा चंचल है,
कैसे इसे समझाऊं,
जितना इसे समझाऊं,
उतना ही मचल जाए,
राधें तेरे चरणो की,
गर धूल जो मिल जाए,
सच कहता हूँ मेरी,
तकदीर बदल जाए।।
सुनता हूँ तेरी रहमत,
दिन रात बरसती है,
एक बूँद जो मिल जाए,
मन की कलि खिल जाए,
राधें तेरे चरणों की,
गर धूल जो मिल जाए,
सच कहता हूँ मेरी,
तकदीर बदल जाए।।
नजरो से गिराना ना,
चाहे जितनी सजा देना,
नजरो से जो गिर जाए,
मुश्किल ही संभल पाए,
राधे तेरे चरणो की,
गर धूल जो मिल जाए,
सच कहता हूँ मेरी,
तकदीर बदल जाए।।
राधे इस जीवन की,
बस एक तम्मना है,
तुम सामने हो मेरे,
मेरा दम ही निकल जाए,
राधे तेरे चरणों की,
गर धूल जो मिल जाए,
सच कहता हूँ मेरी,
तकदीर बदल जाए।।
राधें तेरे चरणों की,
गर धूल जो मिल जाए,
सच कहता हूँ मेरी,
तकदीर बदल जाए।।
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