LYRIC

Here you will find the lyrics of the popular song – “Phulo Ki Mahak Lahro Ki Lachak” from the Movie / Album – “Kanyadaan”. The Music Director is “Jaikishan Dayabhai Panchal, Shankar Singh Raghuvanshi”. The song / soundtrack has been composed by the famous lyricist “Gopaldas Saxena (Neeraj)” and was released on “01 May 1968” in the beautiful voice of “Mahendra Kapoor”. The music video of the song features some amazing and talented actor / actress “Shashi Kapoor, Asha Parekh & Om Prakash”. It was released under the music label of “Saregama “.

Phulo Ki Mahak Lahro Ki Lachak

Two small children, Rekha and Amar, go through a wedding rite below steering in their respective parents. Years later, Rekha and Amar have grown up, and are actually able to enjoyable their marriage vows and residing collectively. Both are drawn to every other. It is simplest after some days in their residing collectively that Amar confides to Rekha, that his actual call is Kumar, and that the person she married in her early life is his satisfactory friend, Amar, who’s already married with Lata, and feature a baby in their own. Devastated, Rekha have to now come to phrases together along with her new life-partner, or are looking for drastic opportunity treatments to break out the stigma that has been thrust upon her.

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Phulo Ki Mahak Lahro Ki Lachak Lyrics in English :

Phulo ki mahak lahro ki lachak
Bijli ki chura kar angadayi
Jo sakal banai kudrat ne
Aurat wo yaha ban kar aayi ban kar aayi
Beti wo bani patni wo bani sathi wo bani
Parmeshwar parmeshwar mana pati ko
Aur mandir me diya bati wo bani
Yun intzaar swami ka kiya
Khidki pe shama si jalti tahi
Wo bahar ras rachata raha
Ye ghar me haye siskati rahi siskati rahi

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Haye kyu ruthi ho jane bahar bolo na
Aur ab hoga nahi intzar bolo na
Haye kyu ruthi ho jane bahar bolo na
Pehalu me aa ja saanso me ghul na
Baho me soja jam me dhalja
Pehalu me aa ja saanso me ghul na
Baho me soja jaam me dhalja
Raat aayegi na ye baar baar bolo na
Haye kyu ruthi ho jane bahar bolo na
Aur ab hoga nahi intzaar bolo na

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Aur fir aa hi gaya din bhi wo manhus
Ki jab mard ki pyas ne rang naya dikhlaya
Aasiya apna jo tha haye paraya wo hua
Bhawra ek or nayi titli liye ghar aaya

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Maut ke siwa garib ke
Zakhm ka nahi koi ilaaj
Waah ri o duniya besharam
Waah re o behaya samaj
Kitni kaliya teri raah me
Khil ke bhi na muskura saki
Koi jake kothe pe chadi
Koi haye dub kar mari

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Haye aurat hai chiz kya tu bhi
Khake thokar bhi pyar karti hai
Jiske hatho tu luti jati hai
Uspe hi jan nishar karti hai
Tu nahi janti hai itna bhi
Khud kushi khud narak ki raah hai ek
Zulm karna hi bas gubah nahi
Zulm sahna bhi to gunah hai ek
Bhul kar apna farz jab majhi
Khud hi kashti duba de pani me
Tab kisi or naw par jana
Hai nahi pap zindgani me
Uth koi or humsafar chun le
Jod rishta nayi kahani se
Hai andhere me jo teri bahne
Maut ko unki zindgani de.

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Translated Version

यहां आपको मूवी / एल्बम - "कन्यादान" के लोकप्रिय गीत - "फुलो की महक लहरों की लचक" के बोल मिलेंगे। संगीत निर्देशक "जयकिशन दयाभाई पांचाल, शंकर सिंह रघुवंशी" हैं। गीत / साउंडट्रैक प्रसिद्ध गीतकार "गोपालदास सक्सेना (नीरज)" द्वारा रचित है और "01 मई 1968" को "महेंद्र कपूर" की खूबसूरत आवाज में जारी किया गया था। गाने के संगीत वीडियो में कुछ अद्भुत और प्रतिभाशाली अभिनेता / अभिनेत्री "शशि कपूर, आशा पारेख और ओम प्रकाश" हैं। इसे "सारेगामा" के संगीत लेबल के तहत जारी किया गया था।


Phulo Ki Mahak Lahro Ki Lachak


दो छोटे बच्चे, रेखा और अमर, अपने-अपने माता-पिता के मार्गदर्शन में एक शादी की रस्म से गुजरते हैं। वर्षों बाद, रेखा और अमर बड़े हो गए हैं, और वास्तव में अपनी शादी की प्रतिज्ञाओं का आनंद लेने और एक साथ रहने में सक्षम हैं। दोनों एक दूसरे के प्रति आकर्षित हैं। एक साथ रहने के कुछ दिनों के बाद यह सबसे आसान है कि अमर रेखा को बताता है कि उसकी वास्तविक कॉल कुमार है, और जिस व्यक्ति से उसने अपने शुरुआती जीवन में शादी की, वह उसका संतोषजनक दोस्त, अमर है, जो पहले से ही लता के साथ विवाहित है, और एक बच्चा पैदा करता है उनके स्वयं में। तबाह, रेखा को अब अपने नए जीवन-साथी के साथ शब्दों में आना पड़ता है, या उस पर लगाए गए कलंक को तोड़ने के लिए कठोर अवसर उपचार की तलाश में हैं।


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Phulo Ki Mahak Lahro Ki Lachak Lyrics in Hindi :


फूलो की महक लहरो की लचक
बिजली की चुरा कर अंगडाई
जो सकल बनाई कुदरत ने
औरत वो यहाँ बन कर आयी बन कर आयी
बेटी वो बनी पत्नी व बानी साथी वो बानी
परमेश्वर परमेश्वर मन पति को
और मंदिर में दिया बाती वो बानी
यूँ इंतज़ार स्वामी का किया
खिड़की पे शामा सी जलती ताहि
वो बहार रास रचता रहा
ये घर में हाय सिसकती रही सिसकती रही


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हाय क्यों रूठी हो जाने बहार बोलो न
और अब होगा नहीं इंतज़ार बोलो न
हाय क्यों रूठी हो जाने बहार बोलो न
पहलू में आ जा साँसों में घुल न
बाहों में सोजा जाम में ढलजा
पहलू में आ जा साँसों में घुल न
बाहों में सोजा जाम में ढलजा
रात आएगी न ये बार बार बोलो न
हाय क्यों रूठी हो जाने बहार बोलो न
और अब होगा नहीं इंतज़ार बोलो न


🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵


और फिर आ ही गया दिन भी वो मनहूस
की जब मर्द की प्यास ने रंग नया दिखलाया
आसिया अपना जो था हाय पराया वो हुआ
भरा एक और नयी तितली लिए घर आया


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मौत के सिवा गरीब के
ज़ख्म का नहीं कोई इलाज
वाह री ओ दुनिया बेशरम
वाह रे ो बेहया समाज
कितनी कलियाँ तेरी राह में
खिल के भी न मुस्कुरा सकीय
कोई जेक कोठे पे छड़ी
कोई हाय दुब कर मरी


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हाय औरत है चीज़ क्या तू भी
खाके ठोकर भी प्यार करती है
जिसके हाथो तू लूटी जाती है
उसपे ही जान निसार करती है
तू नहीं जानती है इतना भी
खुद कुशी खुद नरक की राह है एक
ज़ुल्म करना ही बस गुबाह नहीं
ज़ुल्म सहना भी तो गुनाह है एक
भूल कर अपना फ़र्ज़ जब मांझी
खुद ही कश्ती डुबा दे पानी में
तब किसी और नाव पर जाना
है नहीं पाप ज़िंदगानी में
उठ कोई और हमसफ़र चुन ले
जोड़ रिश्ता नयी कहानी से
है अँधेरे में जो तेरी बहन
मौत को उनकी ज़िंदगी दे.


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Song Credits & Copyright Details:


गाना / Title : Phulo Ki Mahak Lahro Ki Lachak
चित्रपट / Film / Album : Kanyadaan
संगीतकार / Music Director : Jaikishan Dayabhai Panchal, Shankar Singh Raghuvanshi
गीतकार / Lyricist : Gopaldas Saxena (Neeraj)
गायक / Singer(s) : Mahendra Kapoor
जारी तिथि / Released Date : 01 May 1968
कलाकार / Cast : Shashi Kapoor, Asha Parekh
लेबल / Label : Saregama
निदेशक / Director : Mohan Sehgal
निर्माता / Producer : Rajendra Bhatia


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